गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
आ, गिन डालें नभ के तारे / हरिवंशराय बच्चन
3 bytes removed
,
18:42, 3 अक्टूबर 2009
आ, गिन डालें नभ के तारे!
उठ अपने बल पर
घमंड़
घमंड
कर,
देख एक मानव के ऊपर
आवश्यक शासन करने को कितने चिर चैतन्य सितारे!
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,410
edits