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आ, गिन डालें नभ के तारे / हरिवंशराय बच्चन
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18:42, 3 अक्टूबर 2009
आ, गिन डालें नभ के तारे!
उठ अपने बल पर
घमंड़
घमंड
कर,
देख एक मानव के ऊपर
आवश्यक शासन करने को कितने चिर चैतन्य सितारे!
अनिल जनविजय
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