गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
सीने पे पड़ा हुआ ये दोहरा आँचल / जाँ निसार अख़्तर
102 bytes added
,
13:04, 19 अक्टूबर 2009
{{KKRachna
|रचनाकार=जाँ निसार अख़्तर
|संग्रह=घर-आँगन (रुबाइयाँ) / जाँ निसार अख़्तर
}}
[[Category:रुबाई]]
{{KKCatRubaayi}}
<poem>
सीने पे पड़ा हुआ ये दोहरा आँचल
Shrddha
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
3,286
edits