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दादी की तरह दुनिया / नीरज दइया
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06:43, 27 अक्टूबर 2009
गली मुहल्ले के भय से
मित्रों
मित्रो
!
दादी की तरह
दुनिया भी झूल रही है
अनिल जनविजय
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