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डूबनेवाला / अजित कुमार

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|संग्रह=अंकित होने दो / अजित कुमार
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पार किये नाली, नाले, तालाब्, नदी भी
 
चला सिन्धु की ओर
 
सोचकर :
 
अगर डूबना ही है तो
 
नदिया-नाले से अच्छा है—
 
समुद्र में डूबे :
 
नाम बड़ा है ।
 
(नाम बड़ा होगा उसका भी । )
 
चला डूबने सिन्धु-किनारे,
 
लेकिन जैसे ही तट पर पहुँचा... तो
 
गर्जन सुनकर होश उड़ गये,
 
लहरें देखीं—पावँ मुड़ गये,
 
सरपट वापस भागा :
 
आकर कूद पड़ा गन्दे नाले में
 
ऊपर से नीचे तक
 
कीचड़ से लथपथ हो गया ।
 
और तब साँस लगी घुटने…
 
हाय, दम तोड़ा उसने ।
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