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16:34, 22 नवम्बर 2009 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार= जया जादवानी
|संग्रह=उठाता है कोई एक मुट्ठी ऐश्वर्य / जया जादवानी
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
इतनी कहानियाँ
इतनी कविताएँ
इतने-इतने शब्द
दुनिया समझ रही इसे
समय और
समाज का आईना
हमने तो
सिली वही
जीने के नाम पर जो मिली कथरी।
</poem>