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है दिल को शौक़ उस बुत-ए-क़ातिल की दीद का / अमीर मीनाई
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16:27, 1 दिसम्बर 2009
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<poem> है दिल को शौक़ उस बुत-ए-क़ातिल की दीद का
होली का रंग जिस को लहू है शहीद का
पूछा गया न हाल तुम्हारे शहीद का
जाके
जा के
सफ़र में भूल गए हमको वो अमीर
याँ और दोस्तों ने लिखा ख़त रसीद का </poem>
द्विजेन्द्र द्विज
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