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हसरत मोहानी
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08:34, 5 दिसम्बर 2009
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*[[वो जब ये कहते हैं तुझ से ख़ता ज़रूर हुई / हसरत मोहानी ]]
*[[ख़ू समझ
मेंनहीं
में नहीं
आती तेरे दीवानों की / हसरत मोहानी ]]
*[[सियहकार थे बासफ़ा हो गए हम / हसरत मोहानी ]]
*[[शिकवए-ग़म तेरे हुज़ूर किया / हसरत मोहानी ]]
गंगाराम
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