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डर / नरेश सक्सेना

28 bytes added, 05:28, 5 जनवरी 2010
|संग्रह=समुद्र पर हो रही है बारिश / नरेश सक्सेना
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चट्टानों के आसपास फूल उन्हें खिलना सिखाते रहे
 
चट्टानें डरती रहीं
 
उन्हें दिखता रहा फूलों का मुर्झाना।
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