Changes

उसके नाम पे खुले दरीचे के नीचे
कैसी प्यारी ख़ुशबू रात की राय रानी दे
बात तो तब है मेरे हर्फ़ में गूंज गूँज के साथ
कोई उस लहजे को बात पुरानी दे
</poem>