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गिला है शौक़ को दिल में भी तंगी-ए-जा<ref>जगह की तंगी</ref> का
गौहरगुहर<ref>मोती</ref> में मह्व <ref>लीन</ref> हुआ इज़्तिराबइज़्तराब<ref>तड़प</ref> दरिया का
ये जानता हूँ कि तू और पासुख़े-मकतूब<ref>ख़त का जवाब</ref>
मगर सितमज़दा<ref>सताया हुआ</ref> हूँ ज़ौक़े-ख़ामाफ़र्साख़ामा-फ़र्सा<ref>लिखने की आदत</ref>का
हिना-ए-पा-ए-ख़िज़ाँख़िज़ां<ref>पतझड़ के पैरों की मेंहदी</ref> है बहार अगर है यही
दवाम<ref>हमेशा</ref> क़ुल्फ़ते-ख़ातिर<ref>दुख, क्लेश के लिए</ref> है ऐश दुनिया का
ग़मे-फ़िराक़<ref>विरह के दु:ख</ref>में तक़लीफ़ेतकलीफ़-सैरे-बाग़ <ref>बाग़ में सैर का कष्ट</ref>न दो मुझे दिमाग़ नहीं ख़न्दाहाएख़न्दा हाए-बेजा<ref>अकारण हँसना </ref> का
हनोजहनोज़<ref>अभी</ref> मेहरमीमहरमी-ए-हुस्न<ref>रूप से परिचय</ref> को तरसता हूँकरे है हर बुने -मू<ref>केश-राशि</ref> काम चश्मे-बीना<ref>देख सकने वाली आँख</ref> का
न कह कि गिरिया<ref>रुदन</ref>बमिक़्दारे<ref>अत्याधिक</ref>हसरते दिल हैउसको पहले ही नाज़ो-अदा से दे बैठेमेरी निगाह में है जम्मआ-ओ-ख़र्च <ref>उतार-चढ़ाव</ref>दरिया हमें दिमाग़ कहां हु्स्न के तक़ाज़ा का
फ़लक़ को देख न कह कि गिरियां<ref>रुदन</ref> बमिक़दारे-हसरते-दिल<ref>दिल की हसरत के अनुपात से</ref> हैमेरी निगाह में है जमओ़-ख़र्च<ref>उतार-चढ़ाव</ref> दरिया का फ़लक को देखके करता हूँ उसको याद ‘असद’
जफ़ा में उसकी है अन्दाज़<ref>ढंग</ref> कारफ़रमा<ref>प्रियवर</ref> का
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