1,364 bytes added,
12:44, 18 मार्च 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार= ग़ालिब
|संग्रह= दीवाने-ग़ालिब / ग़ालिब
}}
[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>
पा-ब दामन<ref>कपड़ों में उलझते पैर</ref> हो रहा हूँ, बस कि मैं सहरा-नवर्द<ref>रेगिस्तान में भटकने वाला</ref>
ख़ार-ए-पा<ref>काँटो भरे पैर</ref> हैं जौहर<ref>चमकाने के निशान</ref>-ए आईना-ए-ज़ानू<ref>घुटना स्वरूपी शीशा</ref> मुझे
देखना हालत मेरे दिल की हम-आग़ोशी के वक़्त
है निगाह-ए-आशना<ref>पहचाना सा दृश्य</ref> तेरा सर-ए-हर-मू<ref>सर के हर एक बाल का सिरा</ref> मुझे
हूँ सरापा<ref>पूरी तरह</ref> साज़-ए-आहंग-ए-शिकायत<ref>शिकायत की धुन सुनाने वाला बाजा</ref> कुछ न पूछ
है यही बेहतर कि लोगों में न छेड़े तू मुझे
</poem>
{{KKMeaning}}