{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=ग़ालिब|संग्रह= दीवाने-ग़ालिब / ग़ालिब}}[[Category:ग़ज़ल]]<poem>शब, कि वह मजलिस -फ़रोज़ - ए - खल्वत - ए - नामूस था रिश्ता-ए<ref>मोम का धागा<br /ref>रिश्तः - ए - हर शमअ, शमअ़ खार <ref>काँटा</ref>- ए - किस्वत <ref>कपड़े</ref>- ए - फानूस फ़ानूस था
मशहद <ref>मकबरा</ref>- ए - आशिक आशिक़ से कोसों तक जो उगती है हिनाकिस कदर या रब हलाक<ref>मौत<br /ref>किसकदर, यारब, हलाक - ए - हसरत - ए - पबोस पाबोस<ref>पांव चूमना</ref> था
हासिल - ए - उल्फत उल्फ़त ना देखा, जुज <ref>सिवा</ref> शिकस्त - ए - आरजूदिल ब दिल पैवस्त<ref>जुड़ा हुआ<br /ref>दिल बदिल पैवस्तः, गोया <ref>जैसे</ref> इक लब - ए - अफ़सोस था
क्या कहूं बीमारी - ए - ग़म कि फरागत का बयांफ़राग़त<ref>छूट, आजादी<br /ref>का बयांजो कि खाया खून , ख़ून- ए -दिल, बेमिन्नत <ref>कर्ज़दार</ref>- ए - कीमूस कैमूस<ref>पेट में पचता हुआ खाना</ref> था</poem>{{KKMeaning}}