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नहीं वाद कोई यहां निर्विवादित / मधुभूषण शर्मा 'मधुर'
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02:17, 5 जून 2010
रहें टूटती रूढियां सब पुरातन
तभी
हो सके
शाश्वत सत्य
होगा
स्थापित
सकल जग सभासद असल नृप निरंजन
करेगा प्रलय काल प्रस्ताव पारित
</poem>
द्विजेन्द्र द्विज
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