गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
न हसरत हो कोई न सपना ऐ दुनिया / मधुभूषण शर्मा 'मधुर'
1 byte added
,
09:59, 5 जून 2010
है आसान हद से गुज़रना ऐ दुनिया
सहारा किसी का
सहारा
है तब तक
सहारा
कि जब तक न चाहो परखना ऐ दुनिया
द्विजेन्द्र द्विज
Mover, Uploader
4,005
edits