गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
प्यार / परवीन शाकिर
52 bytes added
,
22:03, 13 जून 2010
{{KKRachna
|रचनाकार=परवीन शाकिर
|संग्रह=
ख़ुशबू / परवीन शाकिर
}}
{{KKCatNazm}}
<poem>
अब्र-ए-बहार ने
<br>
फूल का चेहरा
<br>
अपने बनफ़्शी हाथ में लेकर
<br>
ऐसे चूमा
<br>
फूल के सारे दुख
<br>
ख़ुश्बू बन कर बह निकले हैं<
br><br
poem
>
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,801
edits