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कल रात का चाँद / विजय कुमार पंत
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17:51, 1 अप्रैल 2011
|रचनाकार=विजय कुमार पंत
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कल चाँद को देखा
आंगन में
उतरा था
पीले
पीली
चादर में
कुछ बादल काले
साथ लिए
Pratishtha
KKSahayogi,
प्रशासक
,
प्रबंधक
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