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केंचुआ / मनोज श्रीवास्तव

234 bytes added, 07:07, 1 जुलाई 2010
दमखम है हममें,
नि:संदेह केंचुआ बनने के लिए
हमें अपने भौतिक-अभौतिक अस्तित्त्व को
खंगालना होगा,
खुद को एक परिशोधन कारखाना बनाना होगा.