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12:26, 7 सितम्बर 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=मुकेश मानस
|संग्रह=काग़ज़ एक पेड़ है / मुकेश मानस
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<poem>
ठहरे हुए पानी में
एक पत्थर मार कर किसी ने
पूरे समंदर को हिला दिया
या समंदर
खुद ही बहुत बेचैंन था
2005
<poem>