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11:34, 8 सितम्बर 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=गोबिन्द प्रसाद
|संग्रह=कोई ऐसा शब्द दो / गोबिन्द प्रसाद
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<poem>
साँझ की उदासी में
बैठा हूँ; खिड़की से लगा
अकेला
पच्छिम-संसार
शून्य नभ
दीठ में तिरता
-अरूप मेला
<poem>