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अब के ऐसा दौर बना है / गौतम राजरिशी
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06:42, 28 सितम्बर 2010
झगड़ा है कैसा आख़िर, जब
दिल्ली-सा लाहौर बना है
''{मासिक वर्तमान साहित्य, सितम्बर 2009}''
</poem>
Gautam rajrishi
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