518 bytes added,
06:20, 29 सितम्बर 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=लीलाधर मंडलोई
|संग्रह=लिखे में दुक्ख / लीलाधर मंडलोई
}}
<poem>
इस बच्चे के जन्म पर
बुलाओ परिन्दों को
औरतों को दावत दो
गाओ सब मिल
नदी, पहाड़, झरनों
कुछ दिनों के लिए
बंदूकों को आराम दो