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09:01, 29 सितम्बर 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=लीलाधर मंडलोई
|संग्रह=लिखे में दुक्ख / लीलाधर मंडलोई
}}
<poem>
गोला-बारी के बाद
सन्नाटा था
एक अधजले दरख्त पर
एक थी-'शीन चिरैया'
जिसके बोलने में
दरख्त के रोने की
आवाज आ रही थी