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09:57, 29 सितम्बर 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=लीलाधर मंडलोई
|संग्रह=लिखे में दुक्ख / लीलाधर मंडलोई
}}
<poem>
आतंक के भय से
उठा लाये थे
जिन जानवरों को बच्चों सहित
इतने पालतू हो गये
चिडियाघर में
भूल गये शिकार करना
जीना भूल गये