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आसमाँ के डराए हुए हैं / पुरुषोत्तम 'यक़ीन'
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07:19, 21 अक्टूबर 2010
आजकल तो 'यक़ीन' अपना सर हम
सरफ़िरों
सरफिरों
में खपाए हुए हैं
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अनिल जनविजय
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