{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=सत्यनारायण सोनी |संग्रह=}}{{KKCatKavita}}<poemPoem>बच्चे के पास
नहीं है कोई जेट विमान
कोई रॉकेट
या हवाई सर्वेक्षण करता
कोई हैलिकौप्टर।हैलिकॉप्टर ।
उसके पास है
प्यार की डोरी में बंधी बँधी एक पतंगउड़ते-उड़ते पहुंच पहुँच गई जो
सरहद पार के आसमान में
बांट बाँट रही एक अदद मुस्कान।मुस्कान ।
कोई शक की नजरों नज़रों नहीं देखेगा उसे सरहद पार।पार ।न ही दागी जाएगी कोई मिसाइल उसे गिराने को।को ।
कोई बच्चे जैसा बच्चा सरहद पार का
निहारेगा उसे
तालियां तालियाँ बजाएगा, खिलखिलाएगा।खिलखिलाएगा ।
कटकर जाएगी जब तो वह उमंगों भर जाएगा,
लूटने को दोनों हाथ फैलाएगा।फैलाएगा ।
और इस प्रकार भर जाएगी मुस्कान से
सरसब्ज सरसब्ज़ हो जाएगी प्यार से उस पार की जमीन।ज़मीन ।
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