[[गुमनाम लोग]]{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=कुमार सुरेश}}{{KKCatKavita}}<poem>कहेगा कोई घोल दो ज़हर
हवाओं में
उसके आदेश पर
काट दो सब रास्ते
उसके आदेश पर
रास्ते काट दिए जाएंगेजाएँगे
फिर वह कहेगा
इंकार कर दो
पहचानने से
सारे पहचान -चिन्ह मिटा दिए जाएंगेजाएँगे
फिर हम आएंगेआएँगेगुमनाम पहचान वाले लोग!ज़हरीली हवाओं में सांस साँस लेकर
टूटे रास्तों पर चलकर
करेंगे हवाओं को साफ़
जोड़ेंगे रास्तों को
सारे पहचान -चिन्ह
फिर से खड़े करेंगे
खोई पहचान लौटाएंगेलौटाएँगे
</poem>