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गुमनाम लोग / कुमार सुरेश
Kavita Kosh से
कहेगा कोई घोल दो ज़हर
हवाओं में
उसके आदेश पर
ज़हर घोल दिया जाएगा
कहेगा वही
काट दो सब रास्ते
उसके आदेश पर
रास्ते काट दिए जाएँगे
फिर वह कहेगा
इंकार कर दो
पहचानने से
सारे पहचान-चिन्ह
मिटा दिए जाएँगे
फिर हम आएँगे
गुमनाम पहचान वाले लोग !
ज़हरीली हवाओं में साँस लेकर
टूटे रास्तों पर चलकर
करेंगे हवाओं को साफ़
जोड़ेंगे रास्तों को
सारे पहचान-चिन्ह
फिर से खड़े करेंगे
खोई पहचान लौटाएँगे