Changes

आतां देखै उंतवाली हिवडै़ हुयो हुळास।
सिर पर सूकी जावतां छूटी जीवण आस।। 10।।आस ।।10।।
तुम्हें द्रुतगति से आती देख ह्दय में हुलास हुआ, पर सिर पर से सूखी ही जाते समय जीवन की आशा छूट रही है।है ।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,323
edits