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पिता आप / संतोष मायामोहन
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00:25, 29 नवम्बर 2010
युगों-युगों से मेरे पिता
दूध चूंघते मेरी भाभी के स्तनों !
'''अनुवाद : नीरज दइया'''
</Poem>
Neeraj Daiya
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