एक दिन मेरी बेटी ने
मुझसे पूछा कि
पापा, बम क्या होता है?
मैंने कहा कि
बम, अमरीका होता है
उसने दुबारा पूछा कि
पापा, अमरीका क्या होता है?
मैंने कहा-
अमरीका, बम होता है
वह खिल-खिल हँस दी
और मैं खुश हुआ कि
चलो, मैंने उसे बहला दिया है
तभी उसने कहा कि
पापा, ये दोनों क्या होते हैं?
मैं सन्नाटे में आ गया
और तय करने लगा
कि अभी इसके सामने
हिरोशिमा और नागासाकी के
नाम लूँ या न लूँ
यानी
गुज़रे हुए क्षण की
खिल-खिल हँसी
जो अभी तक उसके होंठों
और पारदर्शी आँखों में
बरक़रार थी-
रहने दूँ
या
मिटा दूँ।