नीचे दिये हुए पृष्ठ कबहुँक फागुन माँहि, दोऊ फगुवा मिलि खेलहिं / शृंगार-लतिका / द्विज से जुडते हैं:
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- बन, गिरि-उपबन जाइ, कबहुँ बहु-भाँतिन खेलहिं / शृंगार-लतिका / द्विज (← कड़ियाँ)
- और गाँव हरि चलत, कबहुँ राधा दुख पावैं / शृंगार-लतिका / द्विज (← कड़ियाँ)