नीचे दिये हुए पृष्ठ तातैं हृदै-सँभारि, हरि-राधा को किन सुजस / शृंगार-लतिका / द्विज से जुडते हैं:
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- एक-रूप आनंद-मय, श्री राधा-ब्रजचंद / शृंगार-लतिका / द्विज (← कड़ियाँ)