यह मेरी
आत्मा का नाद है
जो तुम्हारी देह में बजकर
विलीन हो जाना चाहता तुममें ही
ओ मेरी बांसुरी!
तुम बिन,
अनकहा रह जाएगा यह
भटकता रह जाएगा।
यह मेरी
आत्मा का नाद है
जो तुम्हारी देह में बजकर
विलीन हो जाना चाहता तुममें ही
ओ मेरी बांसुरी!
तुम बिन,
अनकहा रह जाएगा यह
भटकता रह जाएगा।