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अनकहा रह जाएगा / इंदुशेखर तत्पुरुष

यह मेरी
आत्मा का नाद है
जो तुम्हारी देह में बजकर
विलीन हो जाना चाहता तुममें ही
ओ मेरी बांसुरी!
तुम बिन,
अनकहा रह जाएगा यह
भटकता रह जाएगा।