Last modified on 3 मार्च 2008, at 19:45

अब जो दिन आयेगा / जयप्रकाश मानस

(छत्तीसगढ़ राज्य गठन पर)


सिर्फ़ एक ही अर्थ होगा

धान की पकी बालियों के झूमने का

आँखों में जाग उठेगी

नदी की मिठास

पर्वतों की छातियों में

उजास और पूरी-पूरी साँस

आम्र-मंजरियों की हुमक से

जाग उठेंगी दिशाएँ

सबसे बड़ी बात होगी

अब जो दिन आएगा

नहीं डूबेगा किसी के इशारे पर

सबसे छोटी बात

रात आएगी सहमी-सी

और चुपके से खिसक जाएगी

आँख तरेरते ही