अब दुनिया के मैदान-ए-जंग में जब आ ही गई हो तुम, तो कुछ मसअले कुछ नसीहतें कुछ फिकरें कुछ अक़ीदतें कुछ फन कुछ शरीअतें अपने बटुए में रख लो। ये सारी मुहरें मैंने और तुम्हारी माँ ने वक्त को ख़र्च करके ख़रीदी हैं।