चांदनी से लबालब
आसमान
के
साथ
ज़मीन
के
साथ
हम
और हमारी नज़दीकी
और
फिर भी
प्यार की जगह
सिर्फ़ एक अंधेरी बातचीत-- हमारे बीच--
'कब ख़त्म होगा यह कराल-काल?'
'अगले साल-- किसी न किसी साल तो।'
(रचनाकाल : 30.12.1975)
चांदनी से लबालब
आसमान
के
साथ
ज़मीन
के
साथ
हम
और हमारी नज़दीकी
और
फिर भी
प्यार की जगह
सिर्फ़ एक अंधेरी बातचीत-- हमारे बीच--
'कब ख़त्म होगा यह कराल-काल?'
'अगले साल-- किसी न किसी साल तो।'
(रचनाकाल : 30.12.1975)