Last modified on 14 अगस्त 2010, at 16:27

एक चाहत आसमान भर / संजीव बख़्शी

एक चिड़िया
गोल-गोल आँखों से
गर्दन घुमा-घुमा
देखती है एक हेलिकोप्टर को ।

देखती है
उसमे ईंधन का डालना,
पायलट का स्विच आन करना,
और गड़गड़ाहट के साथ
बड़े-बड़े पंखो का घूमना
क्षण भर में
हेलीकाप्टर का हो जाना ओझल
उसकी आँखों से ।

देखती है यह, वह चिड़िया,
जाती है पोखर
चोंच भर पीती है पानी,
दो गुनी रफ़्तार से उड़ जाती है
आसमान की ओर फुर्र....।