हरियाली के बीचों बीच मरना
अनाम हादसों से न डरना
कभी आकाश पर थूकना
तो कभी ज़मीन पर रोना
दुनिया की तसवीर में
उगे हुए आदमी की
एक शक्ल यह भी है।
हरियाली के बीचों बीच मरना
अनाम हादसों से न डरना
कभी आकाश पर थूकना
तो कभी ज़मीन पर रोना
दुनिया की तसवीर में
उगे हुए आदमी की
एक शक्ल यह भी है।