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कच्ची नीम की निंबौरी, सावन अभी न अइयो रे / ऋषभ देव शर्मा

कच्ची नीम की निंबौरी, सावन अभी न अइयो रे
मेरा शहर गया होरी, सावन अभी न अइयो रे

कर्ज़ा सेठ वसूलेगा, गाली घर आकर देगा
कड़के बीजुरी निगोरी, सावन अभी न अइयो रे

गब्बर लूट रहा बस्ती, ठाकुर मार रहा मस्ती
 है क्वाँरी छोटी छोरी, सावन अभी न अइयो रे

चूल्हा बुझा पड़ा कब का, रोजा रोज़ाना सबका
फूटी काँच की कटोरी, सावन अभी न अइयो रे

छप्पर नया बना लें हम, भर लें सभी दरारें हम
मेघा करे न बरजोरी, सावन अभी न अइयो रे

खुरपी ले आए धनिया, जग जाएँ गोबर-झुनिया
हँसिया ढूँढ़ रही गोरी, सावन अभी न अइयो रे