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कल देखना मुझे / जयप्रकाश मानस

आज

वक़्त की धधकती भट्ठी में

पिघलाया जा रहा हूँ

जैसे अयस्क

पूरी तरह

पकने के बाद

मैं सबसे पहले गिरूंगा

निगोड़े वक़्त की गरदन पर

पूरी शक्ति के साथ

धारदार तलवार बनकर


कल देखना मुझे