हर किसी से दूर हम तुम।
याद है वो पल सुहाना,
जब हुए मशहूर हम तुम।
क्या खता इसमें हमारी,
जो बने नासूर हम तुम।
खुद को दो पल ही मिले जो,
भोग लें भरपूर हम तुम।
कह रहा अब यह जमाना,
हो गए मगरूर हम तुम।
हर किसी से दूर हम तुम।
याद है वो पल सुहाना,
जब हुए मशहूर हम तुम।
क्या खता इसमें हमारी,
जो बने नासूर हम तुम।
खुद को दो पल ही मिले जो,
भोग लें भरपूर हम तुम।
कह रहा अब यह जमाना,
हो गए मगरूर हम तुम।