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कोय नै पतियाबै छै / विजेता मुद्‍गलपुरी

टोला-महल्ला में कोय नै पतियाबै छै
मंगला के मौगी पर भगवत्ती आबै छै

लोग गाँव टोला के अंठ-संठ बोलै छै
मानर पर मौगी जे मूड़ी के झोलै छै
नामै बहन्ना से खूब नाच नाचै छै
ढोल्लक के ‘डम चिक’ पर थिरकै छै डोलै छै
मौगी महिन्ना में दू दिन नहाबै छै
मंगला के मौगी पर भगवत्ती आबै छै

डकडरबा बोलै छै हिसटिरिया धरने छै
ओझबा कहै भूत एकरा पकरने छै
बुधुआ कहै छै कि डण्डा के कम्मी छै
देवी नै, भूतो नै, नक्कल ई करने छै
हरदम फुलधरिया से फुस-फुस बतियाबै छै
मंगला के मौगी पर भगवत्ती आबै छै

टोला-महल्ला से आबै छै आय माय
बोलै छै कष्टी पर हुहो सहाय माय
मौगी कहै सब के बेटा हो, बेटा हो
बहुए के बोलै छै मंगलो दोहाय माय
मौगी अब मंगला से बेसी कमाबै छै
मंगला के मौगी पर भगवत्ती आबै छै