कौन खोद रहा है हमारे कोनसिया घर का कोना
जिसमें रखा गया है बड़ी जतन से मडुए के देशी बीज
कौन है चुपके से उड़ा ले जाने वाला
हमारे पत्तल से घरेलू व्यंजन
वह इस नई सदी का नए चाल का ठगहारा होगा
जो नित नयी मोबाइल कंपनियों के उत्पादों से
मचोट रहा है हमारे बच्चों की कोमलता
वह जालसाज तो नहीं जो हमारी मिटटी में जन्मी
दुधारू पशुओं को ले जा रहा है बूचडखाने में
बदले में लौटाते हुए फ्रीजियन जर्सी नस्ल की गायें
वह जरूर ही गिरहकट होगा इस दौर का
जो आम, जामुन, पाकड़, बरगद, पीपल को काटता हुआ
सलाह देता है लिप्टस, पापुलर, कैक्टस के जंगल लगाने को
वह कौन है ?
जो खिसका रहा है हमारे पांवों के नीचे की मिट्टी
जो हमारा बोझ थामती आई है सदियों से