Last modified on 20 मई 2018, at 18:00

खेमटा 2 / प्रेमघन

गोरे चमड़े की चकती चलाओ बचा॥टे।॥
इन गोरे गुलगुल गालन पर लखन लोग लुभाओ बचा।
नाक छेदि नकछेद अहिर की बाबू लाल बुलाओ बचा।
माजी को माई देकर बबुआजी को बिलमाओ बचा।
मन्नू लाल बहादुर मल बुढ़वन को काहे सताओ बचा।