Last modified on 11 अक्टूबर 2020, at 19:24

जाने वालों से / निदा फ़ाज़ली

जानेवालों से राब्ता रखना
दोस्तो, रस्मे-फातहा रखना |

जब किसी से कोई गिला रखना
सामने अपने आइना रखना |

घर की तामीर चाहे जैसी हो
इसमें रोने की कुछ जगह रखना |

जिस्म में फैलने लगा है शहर
अपनी तन्हाईयाँ बचा रखना |

मस्जिदें हैं नमाज़ियों के लिए
अपने दिल में कहीं खुदा रखना |

मिलना-जुलना जहाँ ज़रूरी हो
मिलने-जुलने का हौसला रखना |

उम्र करने को है पचास पार
कौन है किस जगह पता रखना |