देह से
देह को जीते
जी चुके देह
अब मन से
मन को
जीने का वक़्त है
साथ-साथ
पार करनी होगी
काल की नदी
साथ-साथ
रचने होंगे
विश्वास के कूल हमें ।
देह से
देह को जीते
जी चुके देह
अब मन से
मन को
जीने का वक़्त है
साथ-साथ
पार करनी होगी
काल की नदी
साथ-साथ
रचने होंगे
विश्वास के कूल हमें ।