गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 20 मई 2018, at 18:01
ठुमरी / प्रेमघन
चर्चा
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
बदरीनारायण चौधरी 'प्रेमघन'
»
हास्य बिन्दु
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
भरथ दास दिलदार यार भी हैं दीन्हेंन धोखा बार बार।
और न सो तुम सटत रोज हम कासी नाथ पर नहीं प्यार।