एक थैला, दो शिकन, हम तीन
डूबते सूरज तुझे आमीन...
पेड़-पर्वत, प्रश्न-उत्तर मौन
फिर हमें झकझोरता है कौन ?
कौन है ? जो भोंकता संगीन
ये शिकन, टूटन, थकन-संसार
छू नहीं पाता जिसे अख़बार
आज तक प्राचीन का प्राचीन
एक थैला, दो शिकन, हम तीन
डूबते सूरज तुझे आमीन...
पेड़-पर्वत, प्रश्न-उत्तर मौन
फिर हमें झकझोरता है कौन ?
कौन है ? जो भोंकता संगीन
ये शिकन, टूटन, थकन-संसार
छू नहीं पाता जिसे अख़बार
आज तक प्राचीन का प्राचीन