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ढोल / अमरेन्द्र

कत्तोॅ मारोॅ कम, कम, कम
ढोल बजै छै ढम्मक-ढम

नाँचें नै तोंय; थम, थम, थम
ढोल बजै छै ढम्मक-ढम

सुनथैं भागी गेलै जम
ढोल बजै छै ढम्मक-ढम

पैसा खोलोॅ खेल खतम
ढोल बजै छै ढम्मक-ढम

ढम्मक-ढम-ढम्मक-ढम
मिलथैं पैसा बम-बम-बम ।