तत्सुख-सुखी त्यागमय अनुपम प्रेम-पियूष मनोहर।
पियत-पियावत नित अतृप्त मन दोउ नव नागरि-नटवर॥
तरुन तमाल, कनक-लतिका-सम, नित्य मिलित तजि निज-पर।
घन-दामिनि-सम, मोहन-मोहनि मोहत सतत परसपर॥
तत्सुख-सुखी त्यागमय अनुपम प्रेम-पियूष मनोहर।
पियत-पियावत नित अतृप्त मन दोउ नव नागरि-नटवर॥
तरुन तमाल, कनक-लतिका-सम, नित्य मिलित तजि निज-पर।
घन-दामिनि-सम, मोहन-मोहनि मोहत सतत परसपर॥